आज विश्व साइकिल दिवस की आप सभी साइकिल मित्रों को हार्दिक बधाई आप सब इसी तरह से साइकिल चलाते  रहिये और स्वस्थ रहिए साइकिल चलाने में ना कोई योग करना पड़ता है ना पैदल घूमना पड़ता है ना दौड़ना पड़ता है। मैं विगत 10 वर्षों से रीवा में शहरी क्षेत्र में साइकिल चला रहा हूं, और एक बार तो मैं अपने गांव देऊर कोठार जो रीवा से 70 किलोमीटर दूर है, वहां भी पहुंच गया साइकिल चलाने के मेरे दो मकसद रहते हैं एक तो स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता और दूसरा सपाक्स विचारधारा को जन-जन की आवाज बनाना।

आज सुबह बादलों के बीच में 5:30 बजे मैं अपने घर से निकल पड़ा लगातार पॉलिटेक्निक के सामने से यूनिवर्सिटी से होते हुए इटौरा गांव की सीमा नदी तक गया, और इसके बाद वापस लौटा, आज मैंने बहुत सारे लोगों से मुलाकात की और सपक्ष विचारधारा के बारे में  बुलेटिन देकर बताया और उनके साथ सेल्फी ली, आज मिलने वाले लोगों में प्रमुख रूप से अमरनाथ साहू, नगमा, सितलहा, युगल किशोर दुबे, बगईया लाल गांव निवास रीवा, अतुल तिवारी छात्र इंजीनियरिंग कॉलेज, शैलेंद्र सिंह व्याख्याता, अंकित सिंह बघेल,पल्हान छात्र MBA, अंकित सिंह बघेल छात्र वेटरनरी कॉलेज, MPEB से रिटायर हुए देवेंद्र सिंह बघेल, विद्या सिंह, एन के सिंह जय भवानी बस मलिक,नरेंद्र सिंह बघेल व्याख्याता, इं शैलेंद्र दुबे SDO PWD, जल संसाधन विभाग से मुख्य अभियंता के पद से रिटायर हुए इं राम मणि शर्मा, BTL में कार्यरत इं मनोज तिवारी आदि थे, सभी लोगों में इस बात की वेदना थी कि सारे कानून सपक्ष वर्ग के खिलाफ केंद्र और राज्य सरकारी पारित कर रही हैं।

 आरक्षण को लेकर लोगों के मन में बहुत मलाल था कि हमारे बच्चे 90% मार्क्स लाने के बाद भी अच्छे संस्थान IIT में दाखिला नहीं मिल पाता और कमतर अंक पाने वाले को अच्छे आईआईटी में प्रवेश मिल जाता है, सभी लोगों ने एट्रोसिटी एक्ट काला कानून का भी विरोध किया और बोले कि इसका दुरुपयोग किया जा रहा है जिसमें बेगुनाह लोगों को फंसाया जा रहा है, अनंतपुर सोसाइटी से होते हुए मैं वापस नेहरू नगर आ गया। सपाक्स विचारधारा को जन जन की आवाज बनाने के लिए मेरा प्रयास लगातार जारी है आज मैं अपने गांव देऊर कोठार जा रहा हूं जहां से मैं कल त्योंथर विधानसभा क्षेत्र के कुछ गांवों में संपर्क करने के लिए जाऊंगा।