आवारा पशुओं की वजह से अब नहीं होंगे एक्सीडेंट, स्टेट हाईवे से लेकर नेशनल हाईवे तक सख्ती

सागर : बुंदेलखंड में चाहे नेशनल हाइवे हो, स्टेट हाइवे या फिर जिला सड़कें, इन सड़कों पर गौवंश का कब्जा आम बात हो गई है. इन हालातों के कारण आए दिन दुर्घटनाएं होती है और कई बार पशुहानि और जनहानि भी हो जाती है. ऐसे में सागर कलेक्टर संदीप जीआर ने पायलट प्रोजेक्ट के तहत जिले से गुजरने वाली चार मुख्य सड़कों को पालतू व आवारा पशुओं से मुक्त कराने पहल की है.
इन सड़कों पर सबसे पहले होगी कार्रवाई
इनके लिए अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी तय की गई है. इस प्रोजेक्ट के तहत पशु मालिक पर जुर्माने की कार्रवाई होगी. आवारा पशुओं को शासकीय गौ शालाओं में भेजा जाएगा. इन चार सड़कों में सागर-भोपाल रोड में सागर से बागरौद चौराहा तक, नेशनल 44 में महाराजपुर से मालथौन तक की फोरलेन, सागर से छतरपुर रोड और सागर से जबलपुर रोड शामिल हैं.
कैसी रहेगी व्यवस्था
पायलट प्रोजेक्ट के तहत चार सड़कों के चयन के बाद संबंधित एसडीएम, जनपद सीईओ, नगरीय निकाय के सीएमओ और एनएचएआई, पीडब्लूडी और अन्य विभागों को काम करने कहा गया है. इस प्रोजेक्ट के तहत सड़कों से लगी ग्राम पंचायतें, कोटवार, सचिव, सहायक सचिव, पटवारी, संबंधित अधिकारी आवारा पशु सड़क पर न आएं, इसकी मॉनीटरिग करके कार्रवाई करेंगे.
आवारा पशुओं के लिए क्या होंगे नियम?
- पशुओं को मुख्य सड़कों से पकड़कर निजी व शासकीय गौशालाओं में भेजा जाएगा.
- निजी पशु होने पर पशु मालिकों पर प्रत्येक पशु के हिसाब से जुर्माने की कार्रवाई होगी.
- जुर्माने के बाद पशु फिर सड़क पर आते है, तो संबंधित पशु मालिक पर कार्रवाई होगी.
- रेडियम लगी जैकेट में गौ सेवकों की सड़कों पर तैनाती की जाएगी.
- सभी सड़कों पर 24 घंटे गौसेवक और कैटर कैचर मौजूद रहेंगे.
पहले लोगों को किया जाएगा जागरूक
पायलट प्रोजेक्ट के तहत ली गई चार सड़कों को गौवंश मुक्त करने के फैसले के बाद कलेक्टर संदीप जीआर ने मंगलवार शाम सागर, भोपाल मार्ग पर पहुंचकर सीहोरा, बेरखेड़ी, बिचपुरी गांव के लोगों से चर्चा की और उन्हें समझाइश दी कि सड़क पर गोवंश को न आने दें और अपने गोवंश को घर पर ही रखें.