सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह को दी गई राहत बढ़ा दी है। इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट ने कार्यवाही बंद करने को कहा है, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट खुद मामले पर सुनवाई कर रहा है। दरअसल, विजय शाह ने पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' के बारे में मीडिया को जानकारी देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ विवादित टिप्पणी की थी। मामले में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इसे लेकर विजय शाह सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे, जहां कोर्ट ने उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी।
आज हुई सुनवाई के दौरान कोर्ट ने भाजपा नेता कुंवर विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक के अपने अंतरिम आदेश को आगे बढ़ा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के सामने लंबित कार्यवाही को भी बंद कर दिया, क्योंकि शीर्ष अदालत इस मामले पर विचार कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने डीआईजी पुलिस द्वारा प्रस्तुत स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें कहा गया है कि तीन आईपीएस अधिकारियों की एसआईटी गठित की गई थी। 21 मई को जांच शुरू हुई थी। एसआईटी रिपोर्ट में कहा गया है कि अधिक दस्तावेज एकत्र किए गए हैं। गवाहों के बयान दर्ज किए गए हैं। जांच अभी प्रारंभिक चरण में है।

हाईकोर्ट से सुनवाई न करने को क्यों कहा गया?
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी के खिलाफ टिप्पणी के लिए मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह के खिलाफ उच्च न्यायालय में चल रही कार्यवाही को बंद करने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि वह अब खुद इस मामले की जांच कर रहा है। इसलिए हाईकोर्ट इस पर सुनवाई न करे। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने शीर्ष अदालत के पिछले आदेश के अनुपालन में मध्य प्रदेश सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) से स्थिति रिपोर्ट मांगी। कोर्ट ने कहा कि एसआईटी ने कुछ उपकरण जब्त कर लिए हैं और अपनी जांच शुरू कर दी है। 

सुप्रीम कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
कोर्ट ने कहा कि विजय शाह की गिरफ्तारी पर रोक सहित 19 मई को पारित अंतरिम निर्देश की अवधि बढ़ाई जाती है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे सप्ताह में तय की है। पीठ ने मामले में किसी भी तरह के हस्तक्षेप की अनुमति देने से इनकार करते हुए कहा कि वह इस मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करना चाहती। इससे पहले 19 मई को शीर्ष अदालत ने विजय शाह को फटकार लगाई थी और उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर की जांच के लिए तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया था।

क्या है मामला?
विजय शाह तब आलोचनाओं के घेरे में आ गए थे, जब एक वीडियो में उन्हें कर्नल कुरैशी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करते हुए दिखाया गया। 'ऑपरेशन सिंदूर' पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान एक अन्य महिला अधिकारी विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ कर्नल कुरैशी की देशभर में काफी चर्चा हुई थी।

मध्य प्रदेश हाईकोर्ट में क्या हुआ था?
मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने विजय शाह को कर्नल कुरैशी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने और गटर की भाषा का इस्तेमाल करने के लिए फटकार लगाई थी। कोर्ट ने पुलिस को दुश्मनी और नफरत को बढ़ावा देने के आरोप में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया। कड़ी निंदा के बाद विजय शाह ने खेद व्यक्त किया था और कहा था कि वह अपनी बहन से ज्यादा कर्नल कुरैशी का सम्मान करते हैं।