नई दिल्ली। भारतीय तटरक्षक बल और नौसेना ने खतरनाक सामान से लदे एक लाइबेरियाई कंटेनर पोत के केरल तट के पास डूबने पर चालक दल के सभी 24 सदस्यों को रविवार को बचा लिया। रक्षा मंत्रालय ने रविवार को बताया कि लाइबेरियाई कंटेनर पोत एमएससी ईएलएसए तीन आज सुबह सात बजकर 50 मिनट पर कोच्चि तट पर बाढ़ के कारण डूब गया। पोत पर सवार चालक दल के सभी 24 सदस्यों को बचा लिया गया जिनमें से 21 को तटरक्षक बल ने और तीन को नौसेना के पोत आईएनएस सुजाता ने बचाया। यह पोत 640 कंटेनरों के साथ डूब गया। पोत पर 13 में खतरनाक सामान और 12 में कैल्शियम कार्बाइड वाले कंटेनर थे। कंटेनरों में 84.44 टन डीजल और 367.1 टन फर्नेस ऑयल भी भरा हुआ था।

केरल के तट पर संवेदनशील समुद्री पारिस्थितिकी तंत्र को देखते हुए तटरक्षक बल ने प्रदूषण संबंधित कार्रवाई की तैयारी शुरू कर दी है। तेल रिसाव का पता लगाने वाली उन्नत प्रणालियों से लैस विमान हवाई निगरानी कर रहा है और प्रदूषण प्रतिक्रिया उपकरण लेकर बल का पोत सक्षम मौके पर तैनात है। फिलहाल तेल रिसाव की कोई सूचना नहीं मिली है।


यह आपात स्थिति कल उस सयम शुरू हुई, जब विझिनजाम से कोच्चि जाते समय यह पोत लगभग 38 समुद्री मील दक्षिण-पश्चिम में 26 डिग्री झुक गया। पोत ने संतुलन खो दिया जिसके कारण संकट की सूचना दी गई। कोच्चि में बल के समुद्री बचाव उप-केंद्र (एमआरएससी) ने तुरंत समन्वित कार्रवाई शुरू की। डोर्नियर विमान को हवाई निगरानी के लिए तैनात किया गया जिसने जीवित बचे लोगों के साथ दो लाइफराफ्ट देखे। वैश्विक खोज और बचाव प्रोटोकॉल के अनुरूप गश्ती जहाजों और व्यापारिक जहाजों एमवी हान यी और एमएससी सिल्वर 2 को भी सहायता के लिए भेजा गया।

देर शाम तक, रूस, यूक्रेन, जॉर्जिया और फिलीपींस के नागरिकों सहित चालक दल के 24 सदस्‍यों में से 21 को बचा लिया गया था। चालक दल के तीन वरिष्ठ सदस्य बचाव व्यवस्था में सहायता के लिए पोत पर ही रहे। हालांकि, रात में पोत की हालत खराब हो गई और रविवार सुबह यह उलट गया। चालक दल के तीन सदस्यों को पोत छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा और उन्हें आईएनएस सुजाता ने बचा लिया। दुर्घटना के कारणों का फिलहाल पता नहीं चल पाया है।