आशीष नेमा
उज्जैन की सुश्री डॉक्टर  खुशबू पांचाल के लिए नृत्य एक कला नहीं है, धर्म है। उनके नृत्य को देखते हुए लगता है कि जैसे धर्म हमें शरीर से बाहर की एक वृहत्तर दुनिया में ले जाता है, वैसे ही इस कलाकार का नृत्य भी जैसे देह के माध्यम का प्रयोग करते हुए भी अनुभव की एक लोकोत्तरता की ओर ले जाता है। उसकी लय और गति का जैसे एक फ़लसफ़ा है। अपने प्रत्येक नृत्य से पहले वह परिचय में जो बोलती है, उससे प्रथमदृष्ट्या नृत्य के पीछे की बौद्धिकता और दृष्टिसम्पन्नता का पता चलता है। पर नृत्य करते समय जैसे वही सब एक मोह लेने वाली रागात्मकता में बदल जाता है। आधुनिक समय की नृत्य कलाकारों में इसी कारण डॉक्टर पांचाल एक विशिष्ट शैली की पहचान बन गईं हैं।आपने अपने जीवन की सर्वोच्च शिक्षा पीएचडी भी शास्त्रीय कथक नृत्य के ‘शास्त्रीय कथक नृत्य में ठुमरी गायन की उपयोगिता : एक विश्लेषणात्मक अध्ययन विषय पर की । आपने अल्प आयु में इस विधा की सर्व परंपराओं मान्यताओं व्यवस्थाओं को मान देते हुए इसे नव श्रृंगारित स्वरूप के साथ अगली पीढ़ी के साथ जोड़ने का प्रयास किया गुरु शिष्य परंपरा एवं शैक्षणिक परंपरा सबका समायोजन करते हुए अपने नटराज शिव की नगरी उज्जैन में शास्त्रीय कथक नृत्य हेतू नृत्यराधना संगीत एवं कला महाविद्यालय की स्थापना की जहां से सैकड़ों शागिर्द आप के निर्देशन में मार्गदर्शन में अंकुरित होकर आज  देशभर में शास्त्रीय कथक नृत्य परंपरा का गौरव बढ़ा रहे हैं आपने हर यूथ को जो इस विधा से जुड़ना चाहता है उसे ऑफलाइन ऑनलाइन परंपरागत जैसे भी जिस प्रकार से भी वह  सुविधा से जुड़ पाए शिक्षा ले पाए किसी को अछूता नहीं रखा । आपके शिष्य शिष्याएँ उज्जैन , दुबई , कनाडा , मेलबर्न , कश्मीर , मुंबई , आंध्र , बनारस आदि शहरों से आपसे कथक नृत्य सीख रहे हैं ।इस नृत्यसाधिका की एक विशेषता इसका वह साहस है जिसके कारण कत्थक की रूढ़िवादी फ़ील्ड में भी वह नवाचार और प्रयोग करने से नहीं चूकती। सामान्यतः आधुनिकता से एक दूरी बनाए रखने में ही कत्थक नृत्यांगनाएँ अपनी कुशल समझतीं हैं। वे आलोचनाओं से बच जातीं हैं लेकिन कलाभिव्यक्ति के लिए जोखिम न उठाने से कला का विकास नहीं होता। सुश्री खुशबू के नृत्यों में जो सृजनशीलता और पहल हैं, वे उसे एक आशा और भविष्य की ओर ले चलते हैं।आपने शास्त्रीय नृत्य मे लुप्त सी होती जा रही विधा कुदऊसिंह घराने की बन्दिशो को अपने नृत्य मे संयोजित किया, आज कुदऊसिंह घराने की बन्दिशो पर नृत्य परंपरा का परिचालन करने वाली आप अकेली नृत्यांगना है यह नृत्याराधिका शास्त्रीय के प्रति जितनी निष्ठा और समर्पण आज के युग में दिखाती है, वह नयी पीढ़ी के लिए एक दृष्टान्त बन गया है। लेकिन यह उस शास्त्रीयता को हार्दिकता की राहों से होकर ले चलती है। इसलिए उसका नृत्य किताबी न लगकर जीवन-ऊर्जा से लबरेज़ लगता है। यह महत्त्व की बात है कि जैसे मात्र ढाई वर्ष की अल्पावस्था से नृत्य के प्रथमाक्षर से परिचित होकर अपनी कला-यात्रा की शुरुआत करने वाली सुश्री खुशबू अब एक नृत्य गुरु के रूप में भी उसी सौभाग्य का प्रतिदान सा कर रही हैं जब वे उतनी ही छोटी अवस्था की बच्चियों को नृत्य की बारहखड़ी सिखाती हैं। उनके महाविद्यालय की उनकी शिष्याओं ने बहुत से सम्मान और पुरस्कार अर्जित किये हैं जो जैसे यह सिद्ध करता है कि गुरु-शिष्य परंपरा अभी भी अपने संपूर्ण गौरव के साथ अनवरत है।आपने कथक नृत्य की शिक्षा मृदंगाचार्य पंडित रामदास जी कि सुपुत्री परम आदरणीय पंडिता डॉ पूनम व्यास जी से प्राप्त की है , जो कि वर्तमान में भी जारी है । तबला सम्राट आदरणीय कालीनाथ मिश्रा मुंबई  एवं आदरणीय पंडित राजेंद्र आर्य जी से भी आपने ताल की शिक्षा ग्रहण की है । नृत्य में नित नवीन प्रयोग करते हुए पीएचडी के दौरान आपकी मुलाक़ात बॉलीवुड की महान हस्ती आदरणीय सरोज ख़ान जी से हुई एवं उन्होंने आपकी योग्यता देख आपको अपनी गंडा बंधन शिष्या के रूप में आशीर्वाद भी प्रदान किया।

33 वर्षों से अथक कथक साधना सहज नहीं होता, अमूमन अपना पूर्ण जीवन आपने इस परंपरा में व्यतीत किया है, 

इतना समर्पण इस शास्त्रीय कला में कुछ ऐसा है जैसे अब नाड़ी और हृदय की धमनियां भी धक धक किसी तबले की थाप सी करती हो, और श्वास हर पर घुंघरू सी शरीर में आवाज करती हो ।

डॉ खुशबू जी कई राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय मंचों जैसे भारत भवन भोपाल , भारत भवन त्रिवेंद्रम , खजुराहो नृत्य महोत्सव, श्रावण महोत्सव 2014 एवं 2023 , अखिल भारतीय कालिदास समारोह 2014 एवं 2022 , मध्य प्रदेश  संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित गुरु पूर्णिमा महोत्सव 2023, अंतर्राष्ट्रीय परफॉर्मिंग आर्ट्स फ़ेस्टिवल देहरादून , जयपुर , चेन्नई , भुवनेश्वर , हैदराबाद , रायपुर , कोलकाता , गोवा , बेंगलूरू , पूरी  में आपके द्वारा लिखित त्रिदेवी की प्रस्तुति , बनारस, नागपुर ,वाल्मीकि समारोह  चित्रकूट, मौन तीर्थ महोत्सव उज्जैन , पैयानुर कपट्टू कज़ाक़म धार्मिक सांस्कृतिक कार्यक्रम केरल , विश्व संगीत दिवस समारोह धार, दक्षिण मध्य क्षेत्र एवं सांस्कृतिक मंत्रालय भारत द्वारा आयोजित स्त्री महोत्सव , मृदंगाचार्य पंडित रामदास स्मृति समारोह मुंबई, जयंती माला कला कृति केंद्र मुम्बई द्वारा पद्मश्री नृत्य सम्राज्ञी सितारा देवी जी नृत्य महोत्सव , ठाणे फ़ेस्टिवल मुंबई, मल्हार फेस्टिवल उदयपुर , नरसिंहगढ़ महोत्सव मीरज , अंतर्राष्ट्रीय नृत्य महोत्सव भूटान , त्रिवेणी संग्रहालय उज्जैन में आपके द्वारा लिखित शिव आनंद तांडव की प्रस्तुति , जनजातीय संग्रहालय भोपाल , शांकर समारोह ओमकारेश्वर , साहित्यकार श्री सदाशिव कौतुक अमृत महोत्सव , कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर भोपाल एवं रंग शारदा ऑडिटोरियम मुंबई में आदरणीय पद्मश्री सोमा घोष जी के गायन के साथ नृत्य प्रस्तुति , इंटरनेशनल मेगा म्यूजिकल फ़ेस्टिवल  मुख्य है । 

आपके द्वारा की गई प्रस्तुति गांधारी एक अविस्मरणीय प्रस्तुति है जिसमें आंखों पर पट्टी बांध आपके द्वारा कथक नृत्य किया गया डॉ पांचाल की प्रत्येक प्रस्तुति अपने आप में नवीनता लिए होती है एवं उनकी ऊर्जा नृत्य में ऐसा रूपांतरण लेती है कि स्वतः ही नज़रें स्थिर हो जाती है | आपकी संस्था द्वारा मुख्यतः सामाजिक विषयों को ध्यान में रखते हुए कार्यक्रम आयोजित किए जाते है | आप मानती है कि कथक अर्थात् किसी कथा या प्रसंग का नृत्य के माध्यम से प्रदर्शन, इस ही तारतम्य में आप संवेदनशील सामाजिक विषयों को कथक के माध्यम से उठाने का प्रयास अपनी एवं अपने आयोजनों की प्रस्तुतियों के माध्यम से करती है । जिनमें हाल ही में आपने मानसिक दिव्यांग बच्चों हेतु निः शुल्क कार्यशाला का आयोजन किया था जिसमें उनकी मनोस्थिति को नृत्य के माध्यम से सकारात्मक सक्रियता का प्रयास हुआ |  माँ क्षिप्रा के संरक्षण पर आधारित समागम , शुद्ध कथक के संवर्द्धन पर आधारित नृत्याक्षर एवं मातृ शक्ति के समर्पण को रेखांकित करता हुआ आराधक रहा  | बारिश के मौसम में ‘नृत्य गर्जन : बौछार घुँघरुओं की’ आयोजित किया गया | हाल ही में आपके द्वारा सांस्कृतिक आयोजन नृत्यावर्त का आयोजन भी किया गया ,  जिसमें मदर ऑफ़ इंडियन बॉलीवुड डान्स के नाम से मशहूर सुप्रसिद्ध कोरियोग्राफर सरोज ख़ान जी ने शिरकत की थी ,  इस आयोजन में आपके द्वारा सरोज जी के जीवन पर एक विशिष्ट नृत्य प्रस्तुति दी गई , जिसमें शास्त्रीय नृत्य में नवीनता लाने हेतु जो अभिनव प्रयास किया गया , आपके उस प्रयास से सरोज जी अत्यंत भावुक एवं प्रसन्न हुई एवं अपने स्थान पर खड़े होकर तालियों से आपका प्रोत्साहन किया | आपने सरोज ख़ान जी बॉलीवुड की शिक्षा भी प्राप्त की है एवं फ़िल्म कोरियोग्राफ़ी में भी उनकी शागिर्द रही | हाल ही में आपकी संस्था द्वारा ‘नृत्य कथ्य’ का आयोजन वृहद् स्तर पर किया गया जिसमें डांस क्वीन सितारा देवी जी की सुपुत्री कथक क्वीन आदरणीय जयंती माला मिश्रा जैसे अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों द्वारा शिरकत की गई | राष्ट्रीय स्तर के रियलिटी शो डांसिंग सुपरस्टार में आपको शास्त्रीय एवं बॉलीवुड कथक नृत्य के लिए बतौर मुख्य निर्णायक आमंत्रित किया गया , जहाँ सुप्रसिद्ध बॉलीवुड कोरियोग्राफर रेमो डिसूज़ा के साथ आपने वाईज़ैग में शिरकत कर मंच सांझा किया | हाल ही में आपने “प्रजातंत्र के आदर्श राजा राम एवं रामराज्य” विषय पर बतौर मुख्य अतिथि एवं वक्ता के रूप के संस्कृत भाषा के विद्वान आदरणीय श्री मिथिलाप्रसाद त्रिपाठी जी के साथ मंच साँझा कर अपने वक्तव्य से सबको सम्मोहित किया | आप एक स्थापित कथक नृत्यांगना ही नहीं अपितु एक अभिनेत्री भी है, आप दूरदर्शन की अधिकृत ए ग्रेड आर्टिस्ट में शुमार है, हाल ही में आपने दूरदर्शन पर प्रसारित आध्यात्मिक सीरियल ‘अवंतिका’ में राजा विक्रमादित्य की अर्द्धांगिनी रानी मलयवती का किरदार मुख्य भूमिका में निभाया गया | आपने संस्कृत नाटक “अभिज्ञान शाकुन्तलम्” में शकुन्तला का मुख्य किरदार निभाया |  
  
डॉ पाँचाल अपनी कला समर्पण के कारण कई धार्मिक, राजनैतिक, सामाजिक , शासकीय एवं ग़ैर शासकीय संस्थाओ , मंचों , प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा सम्मानित की जा चुकी है जैसे संस्कार भारती कला साधक सम्मान, मौन तीर्थ कला साधक सम्मान , भारत भवन त्रिवेंद्रम केरला  द्वारा ‘नृत्य मनीषी उपाधि , दिल्ली में नृत्य रत्न यूथ आइकॉन 2023 उपाधि , मुंबई से नृत्य मणि उपाधि , केरल में प्रिंसेस ऑफ़ कथक की उपाधि , क्षिप्रा अलंकरण , प्राइड ऑफ़ उज्जैन , ज्ञान शिरोमणि सम्मान , गोवा के मुख्यमंत्री डॉ प्रमोद सावंत द्वारा सम्मान , उत्तराखंड की स्पीकर आदरणीय रितु खंडूरी भूषण द्वारा देहरादून में सम्मान, बनारस में मेम्बर ओफ़ पार्लीयमेंट  डॉ अमर पटनायक द्वारा सम्मान ,  शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश मुख्य मंत्री आदरणीय मोहन यादव जी , सांसद आदरणीय अनिल फिरोज़िया जी , उज्जैन महापौर आदरणीय मुकेश टटवाल जी , निगम अध्यक्ष कलावती यादव जी , विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति आदरणीय प्रो. अखिलेश पांडेय जी , महर्षि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति आदरणीय प्रो. विजय कुमार जी द्वारा सम्मान , लायंस क्लब द्वारा सम्मान , यूथ आइकन अवार्ड , बंसल न्यूज़ एवं साधना न्यूज़ द्वारा सम्मान , लाड़ली राज नंदिनी सम्मान , मालवा कला सम्मान , नारी सेवा सम्मान , यूथ आइकॉन अवार्ड  आदि कई सम्मान आपके नृत्य एवं आपके कार्यों को  समर्पित किए जा चुके है । नृत्य के प्रति आपके आत्मविश्वास के  सम्मान में जी TV शो डान्स इंडिया डान्स सीज़न पाँच के निर्णायक मंडल द्वारा आपको “रिस्की गर्ल ऑफ़ इंडिया” की उपाधि भी प्रदान की गई ।  वर्ष 2019 में आपको भूटान देश में एक विशेष प्रस्तुति हेतु अंतर्राष्ट्रीय नृत्य एवं संगीत संस्थान द्वारा आमंत्रित किया गया ,जहाँ आपको युवा नृत्य कला सम्मान से विभूषित किया गया | कला आयोजन एवं मंच के साथ ही आपने कई बार नेशनल चैनल पर कथक नृत्य कला का जौहर बरसाकर भारतीय नृत्य कला संस्कृति को टेलिविज़न जगत में ऊंचाइयां प्रदान की ।आपने राष्ट्रीय स्तर पर प्रसारित जी TV के रियलिटी शो डान्स इंडिया डान्स सीज़न एक एवं पाँच में भी अपनी कला प्रदर्शन कर “तक़दीर की टोपी अवार्ड” प्राप्त किया, भोजपुरी गंगा TV पर प्रसारित रियलिटी शो हिंदुस्तान का बिग स्टार सीज़न 8 में आपने “बेस्ट परफॉर्मर ऑफ़ द सीरीज़” का सम्मान प्राप्त किया , डान्स प्रीमियर लीग में भी आपकी प्रस्तुतियाँ हुई , बिग मैजिक चैनल पर प्रसारित हुए होली 2017 स्पेशल में “रंग बरसे बुरा न मानो होली है”में भी आपने एवं आपकी शिष्याओं द्वारा दो विशेष प्रस्तुतियां दी गई | दूरदर्शन , बंसल न्यूज़ एवं टाइम्ज़ टुडे आदि कई स्थानीय प्रादेशिक राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय TV चैनल्स आपकी प्रस्तुतियाँ प्रदर्शित कर चुके हैं |